Kanpur Kand...मैं विकास दुबे हूं, कानपुर वाला, गिरफ्तार हुआ या सरेंडर किया, गिरफ्तारी की 5 बड़ी बाते
Kanpur Kand गुरुवार सुबह नाटकीय ढंग से कानपुर शूटआउट के मुख्य आरोपी विकास दुबे (Vikash Dube) को उज्जैन से गिरफ्तार कर लिया गया। वह उज्जैन के महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचा था। लेकिन सवाल ये कि विकास दुबे गिरफ्तार हुआ या फिर उसने सरेंडर की पूरी कहानी खुद ही रची?

कहते हैं ना कि अपराध को तो भगवान भी क्षमा नहीं कर सकते. यूपी का सबसे बड़ा गैंगस्टर और 8 पुलिसकर्मियों की हत्या का आरोपी विकास दुबे, जिसकी तलाश यूपी से लेकर दिल्ली तक चल रही थी, वो अचानक उज्जैन से मिला। वो आखिर उज्जैन के महाकाल तक कैसे पहुंच गया? क्या विकास दुबे एक बार फिर यूपी पुलिस को चकमा देने में कामयाब रहा या फिर उसके कनेक्शन एक बार फिर यूपी पुलिस पर भारी पड़ गए।
Kanpur Kand: विकास की गिरफ्तारी की 5 बड़ी बाते:
1. Kanpur Kand: खुद सरेंडर करने गया था
ऐसा कहा जा रहा है कि वह खुद सरेंडर करने गया था।
2. Kanpur Kand: आईडी मांगे जाने पर उसने भागने की कोशिश की
उज्जैन के कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा, 'विकास सुबह 8 बजे मंदिर परिसर के बाहर एक दुकान पर पहुंचा। उसने दुकानदार सुरेश से पूछा कि दर्शन के लिए रसीद कहां मिलती है। सुरेश को उस पर शक हुआ तो उसने महाकाल मंदिर की सिक्योरिटी को जानकारी दी। सिक्योरिटी ने उस पर नजर रखी। शक होने के बाद उससे पूछताछ की और आईडी कार्ड मांगा। विकास ने फर्जी आईडी कार्ड दिखाया, लेकिन सख्ती से पूछताछ के बाद उसने भागने की कोशिश की।
3. Kanpur Kand: मंदिर के सिक्योरिटी गार्ड के साथ धक्कामुक्की
विकास को पकड़वाने वाले सिक्योरिटी गार्ड गोपाल सिंह ने बताया, ‘‘मैंने शक होने पर उसे पूछताछ के लिए रोका तो वह आनाकानी करने लगा। मुझे और ज्यादा शक हुआ, तो मैंने पुलिस को बुलाया। इस पर उसने मेरे साथ धक्कामुक्की की। थोड़ी देर में पुलिस आई और उसे गिरफ्तार कर लिया गया।’’
4. Kanpur Kand: महाकाल के दर्शन के लिए वीआईपी एंट्री
विकास ने गुरुवार सुबह बाबा महाकाल के दर्शन के लिए वीआईपी एंट्री के लिए 250 रुपए की रसीद कटवाई। इस दौरान उसने अपना सही नाम विकास दुबे ही लिखवाया। इसके बाद वह महाकाल बाबा के दर्शन के लिए मंदिर परिसर में पहुंचा। दर्शन के बाद विकास वहां मौजूद जवानों के पास गया और बोला कि मैं कानपुर वाला विकास दुबे हूं, मुझे पकड़ लो।
5. Kanpur Kand: चिल्लाने लगा, ...मैं विकास दुबे हूं...कानपुर वाला'.
जैसे ही मंदिर से सिक्योरिटी से खबर मिली स्थानीय पुलिस हरकत में आ गयी है। फिर विकास दुबे को गिरफ्त में ले लिया। जब विकास ने आस पास मिडिया को देखा तो चिल्लाने लगा की ...मैं विकास दुबे हूं...कानपुर वाला'।
इस दौरान साथ में पुलिसवालों ने उसे चुप कराया और तुरंत गाड़ी में बैठा दिया।
सूत्रों की मानें तो फरीदाबाद से मध्य प्रदेश तक वो आसानी से एक गाड़ी में पहुंचा, जो पूरी तरह सुरक्षित थी। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि इतनी बंदिशों के बाद भी विकास दुबे आखिर कैसे इतना लंबा सफर कर पाया। अब विकास दुबे को कोर्ट में पेश किया जाएगा, फिर उसकी ट्रांजिट की प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा।
खुद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि एमपी पुलिस जल्द ही विकास दुबे को उत्तर प्रदेश की पुलिस को सौंप देगी।
शिवराज ने यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ से बात भी की।
वही विकास दुबे की मां विकास के गिरफ़्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए बोली की वह अपने बेटे को बचाने के लिए कोई अपील नहीं करेगी। साथी ही उन्होंने कहा की हिस्ट्रीशीटर को राजनितिक सरंक्षण देने वाले ही उसका बुरा भला देखेंगे। साथ ही उन्होंने बताया की विकास का ससुराल है मध्यप्रदेश में और वो हर साल महाकाल के मंदिर में दर्शन के लिए जाता है।