Kanpur Kand: भ्रष्टाचार की पोल खोलती शहीद देवेंद्र मिश्रा की लिखी हुई चिट्ठी, जानिए पूरी कहानी
बीते दिन कानपुर में हिस्ट्रीसीटर विकास दुबे के घर दबिश देने गयी पुलिस टीम पर विकास दुबे के गुंडों ने हमला कर दिया (Kanpur Kand )। विकास दुबे के गुंडों के साथ हुई मुठभेड़ में आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए। लेकिन सोमवार को सोशल मीडिया पर एक चिट्ठी सामने आने के बाद कानपुर कांड मामले में जैसे एक नयी मोड़ आ गयी हो। यह चिट्ठी विकास दूबे पर छापे का नेतृत्व कर रहे डीएसपी देवेंद्र मिश्रा ने तीन महीने पहले अपने सीनियर अधिकारी और तत्कालीन एसएसपी अनंत देव तिवारी को लिखी थी।

14 मार्च 2020 को सीओ देवेंद्र मिश्रा ने तत्कालीन एसएसपी अनंत देव तिवारी को एक पत्र लिखा था। यह पत्र कल आम आदमी के पार्टी संजय सिंह ने अपने ट्विटर हैंडल से शेयर किया था। इस पत्र में सीओ देवेन्द्र मिश्रा ने एसओ विनय तिवारी के भ्रष्टाचार की जानकारी दी थी। उन्होंने पत्र में विनय तिवारी पर कुख्यात विकास दुबे से साठगांंठ का आरोप लगाते हुए किसी गंभीर घटना की आशंका जताई थी।
अब इस पत्र के वायरल होने के बाद वर्तमान में एसटीएफ डीआईजी और तत्कालीन एसएसपी अनन्त देव तिवारी की भूमिका भी जांच के दायरे में आ गई है। आखिर एसएसपी ने एसओ विनय तिवारी की शिकायत के बाद भी कार्रवाई क्यों नहीं की? जब अनंत देव तिवारी से उस चिठ्ठी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा की विभाग से वह पत्र ही गायब है।
चौबेपुर पुलिस स्टेशन के सीओ विनय तिवारी को निलंबित किया जा चुका है। साथ ही बीते सोमवार को तीन और निलंबन की घोषणा हुई है। ये तीन पुलिसकर्मी इसी थाने में तैनात थे। इनपर भी आरोप है कि ये नियमित रूप से विकास दूबे के संपर्क में थे। अधिकारियों ने बताया है कि पिछले चार दिनों में 100 से ज्यादा पुलिसकर्मियों का रिकॉर्ड चेक किया गया है।
बता दें कि पुलिस पर हुए हमले के चार दिन होने के बावजूद अभी तक इस केस में मुख्य आरोपी विकास दूबे का कोई अता-पता नहीं है। दूबे पर 60 आपराधिक मामले दर्ज हैं। सोमवार को उसके सिर पर रखे इनाम भी बढ़ा दिया गया और अब उसकी जानकारी देने वालों को 2.5 लाख का इनाम दिया जाएगा। लेकिन अभी तक उसकी कोई जानकारी सामने नहीं आ पाई है।