Kanpur Kand: आशंका सही शाबित हुई, पुलिस इनकाउंटर में मारा गया हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे
बीते दिन जब कानपुर पुलिस हत्याकांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे को गिरफ्त में लिया गया। तब से ही ये आशंका लगाई जा रही थी की कभी भी विकास दुबे इनकाउंटर में मारा जायेगा। किसी भी सोशल मिडिया पर जाये लोगो के स्टेटस पर जरूर पढ़ने को मिल ही जाता था। आज सुबह लोगो की यह आशंका सही शाबित हो गयी।

अब चारो तरफ से इस पर राजनीती शुरू हो गयी है। एक तरफ जहां मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से विकास दुबे की गिरफ्तारी या सर्रेंडर पर न्यायिक जाँच की मांग की जा रही है, वही अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए कहा है की "दरअसल ये कार नहीं पलटी है, राज़ खुलने से सरकार पलटने से बचाई गयी है"।
Kanpur Kand: विकास ने पिस्टल छीनकर हमला करने की कोशिश की
यूपी एसटीएफ की टीम उसे उज्जैन से कानपुर ले जा रही
थी, लेकिन शहर से 17 किमी पहले बर्रा थाना क्षेत्र में सुबह 6:30 बजे काफिले की एक कार पलट गई। विकास उसी गाड़ी में बैठा था।
हादसे के बाद उसने पुलिस टीम से पिस्टल छीनकर हमला करने की कोशिश की। जवाबी कार्रवाई में वह बुरी तरह जख्मी हो गया। उसे सीने और कमर में दो गोली लगीं। बाद में उसे अस्पताल ले जाया गया। जहां उसे सुबह 7 बजकर 55 मिनट पर मृत घोषित कर दिया। कानपुर रेंज के आईजी ने विकास के मारे जाने की पुष्टि की। विकास को गुरुवार को उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया गया था।
Kanpur Kand: 1 किमी. पीछे ही रोक दी गयी मिडिया की गाड़ी
जब यूपी की स्पेशल टॉस्क फोर्स कानपुर शूटआउट के मुख्य आरोपी को मध्य प्रदेश से लेकर चली, तभी से मीडिया की गाड़ियां उसे फॉलो कर रहीं थी। लेकिन जहां एनकाउंटर (Encounter) हुआ उससे एक किमी पहले मीडिया की गाड़ियों को रोक दिया गया था।
वहीं विकास दुबे (Vikas Dubey) को ले जा रही और कुछ दूसरी गाड़ियां आगे बढ़ गईं। इधर जैसे ही मीडिया को रोका गया तो कुछ ही मिनट बाद गोलियां चलने की आवाज़ें आने लगीं। जैसे ही गोलियों की आवाज़ें आना शुरु हुईं तो उसके बाद मीड़़िया की गाड़ियों को जाने दिया गया।
Kanpur Kand: प्रत्यक्षदर्शी ने सुनी फायरिंग की आवाज
मौके पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शी का कहना है कि हमने फायरिंग की आवाज सुनी थी। गाड़ी का एक्सीडेंट नहीं हुआ था। इसके बाद पुलिस ने हमें भगाने की कोशिश की फिर हम वहां से हट गए। हम लोगों ने गोलियों की आवाज सुनी थी।
जो भी हुआ वो बहुत ही नाटकीय ढंग से हुआ इसलिए सभी की उंगलिया उठ रही है और पूछा जा रहा है की क्या विकास दुबे ने खुद ही सर्रेंडर किया था और अगर किया था तो क्या यह इनकाउंटर एक सोची समझी साजिश है। इस पर अभी राजनीति और गरमाएगी। अब देखना ये है की योगी सरकार इन सवालो को कैसे जवाब देती है।