Covid-19 Medicine: पतंजलि ने बाजार में उतारी कोरोना की दवा, 7 दिनो मे 100% मरीज ठीक होने का दावा
जैसे जैसे कोरोना काल गहराता जा रहा है, वैसे वैसे सभी लोगो की परेशानी भी बढ़ती जा रही है। इस बीच योग गुरु रामदेव ने कोरोना का दवा ढूँढने का दावा किया।

उन्होने बताया की हमने इन दवाओं के दो ट्रायल किए हैं। पहला क्लीनिकल कंट्रोल स्टडी है, जो कि दिल्ली, अहमदाबाद और अन्य कई शहरों में किए गए हैं। इसमें हमने 280 मरीजों को शामिल किया और 100 प्रतिशत मरीज ठीक हो गए। हम कोरोना और उसकी जटिल से जटिल परिस्थिति को काबू करने में सक्षम रहे। इसके साथ सभी जरूरी क्लीनिकल कंट्रोल ट्रायल किए गए।" उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट में जयपुर की NIMS यूनिवर्सिटी उनके साझेदार है।
Covid-19 Medicine: तीन दिन में 69 प्रतिशत और सात दिनों में 100 प्रतिशत मरीज रिकवर हुए
रामदेव ने कहा, "नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस जयपुर की मदद से 95 मरीजों पर क्लीनिकल कंट्रोल स्टडी की गई। सबसे बड़ी बात जो इसमें निकल कर आई वो यह है कि तीन दिन में 69 प्रतिशत मरीज रिकवर हुए और पॉज़िटिव से निगेटिव हो गए हैं और सात दिनों में 100 प्रतिशत मरीज निगेटिव हो गए।"
Covid-19 Medicine: क्या नाम है पतंजलि द्वारा तैयार करोना के दवाई का?
पतंजलि के संस्थापक योगगुरु रामदेव ने कहा कि दवा का नाम "कोरोनिल और श्वासरि" है. इसे देशभर में 280 मरीजों पर ट्रायल और रिसर्च करके विकसित किया गया है। कोविद-19 के किसी भी वैकल्पिक इलाज का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है, यहां तक कि कई देशों द्वारा टीकों का परीक्षण किया जा रहा है। उन्होने आगे कहा, "पूरा देश और दुनिया कोरोना की दवा या टीके की प्रतिक्षा कर रहा है। हम पहली आयुर्वेदिक दवा की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। पतंजलि रिसर्च सेंटर और निम्स यूनिवर्सिटी के संयुक्त प्रयासों इस आयुर्वेदिक मेडिसिन को तैयार किया गया है।"
Covid-19 Medicine: कब से मिल सकेगी दवाई?
बालकृष्ण के मुताबिक, 'दिव्य कोरोनिल टैबलेट' मंगलवार से मार्केट में उपलब्ध होगी। कंपनी इसके साथ श्वसारि वटी टैबलेट भी बेचेगी। श्वसारि रस गाढ़े बलगम को बनने से रोकता है। साथ ही यह बने हुए बलगम को खत्म कर फेकड़ों में सूजन को कम करता है।
Covid-19 Medicine: इस दवाई को बनाने मे सिर्फ़ देशी समान का हुआ है इस्तेमाल
बाबा रामदेव ने कहा कि इस दवाई को बनाने में सिर्फ देसी सामान का इस्तेमाल किया गया है, जिसमें मुलैठी-काढ़ा समेत कई चीज़ों को डाला गया है। साथ ही गिलोय, अश्वगंधा, तुलसी, श्वासरि का भी इस्तेमाल किया गया। आयुर्वेद से बनी इस दवाई को अगले सात दिनों में पतंजलि के स्टोर पर मिलेगी. इसके अलावा सोमवार को एक ऐप लॉन्च किया जाएगा।
पतंजलि के अनुसार, अश्वगंधा से कोविड-19 के रिसेप्टर-बाइंडिंग डोमेन को शरीर के ऐंजियोटेंसिन-कन्वर्टिंग एंजाइम से नहीं मिलने देता। यानी कोरोना इंसानी शरीर की स्वस्थ्य कोशिकाओं में घुस नहीं पाता। वहीं गिलोग कोरोना संक्रमण को रोकता है। तुलसी कोविड-19 के र्ना पर अटैक करती है और उसे मल्टीप्लाई होने से रोकती है।