जीवनसाथी के लिए न्यायव्यवस्था से लगा रहा है गुहार, लेकिन सुनने को कोई राजी नहीं, पढ़िए पूरा मामला
हर किसी इंसान के जीवन में एक मोड़ आता है जहां पर वो अपनी जीवन संगनी चुनता है। भारत के संविधान के अनुसार कोई भी व्यक्ति अपने इच्छा के अनुसार जीवन साथी पाने का पूरा हक़दार है। लेकिन कुछ दिन पहले एक घटना सामने आयी जिसने इस सच को झूट साबित कर दिया।

गाजियाबाद के कवीनगर क्षेत्र के रहने वाले दिनेश कुमार सिंह ने नीतू से दोनों के इच्छा से विवाह किया। लेकिन यह विवाह नीतू के परिवार वालो को हजम नहीं हो पाया। दिनेश ने नीतू से हिन्दू धर्म के अनुसार तीस हजारी बाग के आर्य समाज मंदिर में विवाह किया था। उसके बाद दिनेश कुमार सिंह के पत्नी नीतू के परिवार वालो ने एक शादी में जाने का बहाना बना कर नीतू को अपने साथ ले गए।
कुछ समय बीत जाने के बाद भी जब नीतू को उसके परिवार वालो ने नहीं भेजा तब दिनेश ने अपने ससुराल की तरफ रुख किया। जब दिनेश ससुराल पंहुचा तो उसे वहां अलग ही मंजर देखने को मिला। नीतू के परिवार वाले जो पहले से ही इस शादी से खुश नहीं थे। उन्होंने नीतू को दिनेश के साथ भेजने से इंकार कर दिया।
अब इस तरह के वर्ताब को देख दिनेश हक्का बक्का रह गया। जब दिनेश ने थोड़ी बात आगे बढ़ानी चाही तो नीतू के परिवार वालो ने दिनेश की पिटाई कर दी।

उस समय दिनेश कुमार सिंह वहां से चला आया और अब स्थानीय न्याय वयवस्था का आसरा लेना उसने बेहतर समझा। इसी के बाद मार्च महीने में दिनेश कुमार ने एक स्थानीय पुलिस स्टेशन में एक अर्जी डाली। इसमें स्थानीय समाचार पत्र के मुख्य संपादक पंडित सुरेंद्र पल शर्मा ने भी मदद किया।
इस पत्र को लिखे लगभग चार महीने हो चुके है लेकिन अभी तक किसी भी तरह की कोई करवाई नहीं हुई है। पुलिस का यह रवैया स्थानीय पुलिस को सवाल के घेरे में खड़ा कर देता है।
अब हमेशा दिनेश कुमार सिंह अपने जीवनसाथी के लिए फरियाद लेकर जाता है और खाली हाथ ही उसे लौटना पड़ता है।
यह समाचार आपके लिए मुकुल कुमार लेकर आये थे।