UNHCR: भारत का पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब, बोला 'अपने गिरेबान में झांको'
देश और दुनिया अपने देश के साथ आज करोना के साथ साथ अपनी आर्थिक स्थिति को उभारने मे लगा हुआ है। वही पाकिस्तान है कश्मीर का ही रोना गाता रहता है। अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को एक बार फिर मुंह की खानी पड़ी है।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में कश्मीर का मुद्दा उठाने पर भारत ने उसे मुंहतोड़ जवाब देते हुए अपने गिरेबान में झांकने की नसीहत दी है. उन्हर्क में भारत के पर्मानेंट मिशन के फर्स्ट सेक्रेटरी सेंथिल कुमार ने पाकिस्तान पर अंतर्राष्ट्रीय मंच के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि खुद नरसंहार करने वाला देश दूसरों पर उंगली उठा रहा है’.
क्या कुछ कहा सेंथिल कुमार ने?
जिनेवा में आयोजित मानवाधिकार परिषद के 43वें सत्र में सेंथिल कुमार ने पाकिस्तान के आरोपों की धज्जियां उड़ाते हुए कहा, ‘ पाक UNHRC (United Nations Human Rights Council) और इसकी प्रक्रिया का दुरूपयोग कर रहा है। वह दक्षिण एशिया का एकमात्र ऐसा देश है जिसकी सरकार खुद नरसंहार करती है और फिर भी उसमें दूसरों पर आरोप लगाने की हिम्मत है। बेहतर होगा कि दूसरों को राय देने से पहले पाकिस्तान अपने गिरेबान में झांके और मानवाधिकारों के उल्लंघन पर ध्यान दे’।
सिर्फ़ धार्मिक कट्टरवाद और खून ख़राबा फैलता है पाकिस्तान
अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के मामले पर पाकिस्तान को घेरते हुए उन्होंने कहा कि एक ऐसा देश जो धार्मिक कट्टरवाद और खून खराबे से बना है। जिसके इतिहास में तख्तापलट की घटनाएं भरी पड़ी हैं। लाहौर, चलेकी और सिंध में क्या हुआ ये सबको पता है। 2015 में पाकिस्तान में 56 ट्रांसजेंडर की हत्या की गई और सरकार को उसका संरक्षण मिला। ये घटनाएं दुनिया के सामने पाकिस्तान का असली चेहरा लाने के लिए काफी हैं।
‘खैबर पख्तूनवा में कहां गायब हो जाते हैं लोग?
सेंथिल कुमार यहीं नहीं रुके, उन्होंने बलूचिस्तान के मुद्दे पर भी पाकिस्तान को खूब सुनाया। उन्होंने कहा, ‘खैबर पख्तूनवा में 2500 लोग गायब हैं, ये लोग आखिर कहां गायब हो गए, यह किस अपराध की श्रेणी में आता है? गायब हुए ये लोग राजनीतिक, धार्मिक विश्वास और मानवाधिकारों की रक्षा करते थे. 47000 बलोच और 3500 पश्तून लापता हैं। साम्प्रदायिक हिंसा में बलूचिस्तान में 500 हाजरास को मौत के घाट उतारा गया और एक लाख से ज्यादा पाकिस्तान छोड़ने को मजबूर हुए’। उन्होंने यह भी कहा कि बलूचिस्तान में हिंसा और शोषण आम है। पाकिस्तान वहां मानवाधिकारों को पैरों तले रौंद रहा है।
आर्टिकल 370 हटाए जाने के कोई बाहरी परिणाम नहीं
पिछले साल अगस्त में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने को लेकर उन्होंने कहा कि इस फैसले के कोई बाहरी परिणाम नहीं हुए हैं और लोग पाकिस्तान के शांति और संपन्नता को बाधित करने की कोशिशों के बावजूद आगे बढ़ रहे हैं। सेंथिल ने कहा कि यह खतरनाक है कि पाकिस्तान अब परिषद और उसकी प्रक्रिया को इसलिए अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है ताकि भारत के खिलाफ उसका संकीर्ण अजेंडा पूरा हो सके।