UNSC: 192 मे से 184 वोटो के साथ 8वी बार UN सुरक्षा परिषद का अस्थाई सदस्य चुना गया भारत
भारत आसानी से बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का 182 मतो के साथ 8वीं बार अस्थाई सदस्य बनने के लिए तैयार है। गैर-स्थायी सदस्य के रूप में देश का यह कार्यकाल 2021-22 के लिए होगा। भारत 2021-22 के कार्यकाल के लिए एशिया-प्रशांत श्रेणी से गैर-स्थायी सीट के लिए एकमात्र उम्मीदवार था. वहीं पाकिस्तान ने इसपर गंभीर चिंता जाहिर की है।

पाकिस्तान कहना है कि यह खुशी नहीं बल्कि चिंता की बात है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह मोहम्मद कुरैशी ने कहा कि UNSC (United Nations Security Council) का अस्थाई सदस्य बनने का भारत का इरादा पाकिस्तान के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा इस मंच से उठाए जाने वाले प्रस्तावों को खारिज करता रहा है, खासतौर से कश्मीर के मुद्दों को। 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा अपने 75वें सत्र के लिए अध्यक्ष, सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्यों और आर्थिक एवं सामाजिक परिषद के सदस्यों के लिए चुनाव कराएगी।
UNSC: टीएस त्रिमूर्ति ने अपने ट्विटर हैंडल से आया जानकारी
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस त्रिमूर्ति ने अपने ट्विटर हैंडल से इस बात की जानकारी देते हुए लिखा कि सदस्य देशों ने भारत को भारी समर्थन देते हुए 2021-22 तक के लिए यूएनएससी का अस्थाई सदस्य चुना है। भारत को 192 में से 184 वोट मिले हैं।
UNSC: क्या है ये UNSC और कौन- कौन से देश इसका हिस्सा है?
संयुक्त राष्ट्र का सबसे अहम अंग है संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद जो कि पूरे विश्व में शक्ति संतुलन बनाकर रखता है। इस सुरक्षा परिषद में कुल 15 देश शामिल हैं जिनमें से पांच देशों को स्थायी सदस्य्ता प्राप्त है। इन देशों में अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन और चीन हैं। इसके अतिरिक्त दस अन्य देशों को सुरक्षा परिषद की अस्थाई सदस्यता प्राप्त है और इन्हीं देशों के साथ अब भारत भी सुरक्षा परिषद का हिस्सा बन गया है।
UNSC: क्या प्रोसेस होता है चुने जाने का?
10 गैर-स्थायी सीटें क्षेत्रीय आधार पर वितरित की जाती हैं जिसमें अफ्रीकी और एशियाई देशों के लिए 5, पूर्वी यूरोपीय देशों के लिए 1, लैटिन अमेरिकी और कैरेबियन देशों के लिए 2, और पश्चिमी यूरोपीय और अन्य देशों के लिए 2 सीट निर्धारित की गई है।
परिषद के लिए चुने जाने के लिए, उम्मीदवार देशों को महासभा में मौजूद और मतदान करने वाले सदस्य देशों के मतपत्रों का दो-तिहाई बहुमत चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस त्रिमूर्ति कहते हैं कि सुरक्षा परिषद में भारत की मौजूदगी दुनिया में वसुधैव कुटुंबकम की धारणा को मजबूत करेगी।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को समकालीन वास्तविकताओं को प्रतिबिंबिंत करने और विश्वसनीय बने रहने के लिए बदलने की जरूरत है। संयुक्त राष्ट्र इस साल अपनी 75वीं वर्षगांठ मना रहा है।